नई दिल्ली: मक्कीपॉक्स वायरस के मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं. पाकिस्तान तक इस जानलेवा वायरस ने दस्तक दे दी है. कांगो में मंकीपॉक्स 600 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है. ऐसे में यूनिसेफ (UNICEF) की चिंताएं बढ़ रही हैं. तेजी से बिगड़ रहे हालात को नियंत्रित करने के लिए यूनिसेफ ने शनिवार को मंकीपॉक्स रोधी वैक्सीन (Mpox Vaccines) के लिए इमरजेंसी टेंडर निकाले हैं, ताकि वायरस से प्रभावित देशों की जल्द से जल्द मदद की जा सके. इधर, भारत ने भी मंकीपॉक्स वायरस से निपटने के लिए तैयारियां कर ली हैं. इस साल अब तक डीआरसी में एमपॉक्स के 18,000 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनमें 629 मौतें हुई हैं.
यूनिसेफ ने विश्व स्वास्थ्य संगठन, गावी वैक्सीन गठबंधन और अफ्रीका सीडीसी (रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र) के साथ जारी एक बयान में कहा, ‘इमरजेंसी टेंडर जारी करने का मकसद मार्केट में उपलब्ध एमपॉक्स टीकों को तुरंत जरूरतमंदों तक पहुंचाने के साथ-साथ वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर देना है. मांग, निर्माताओं की उत्पादन क्षमता और फंडिंग के आधार पर, 2025 तक 12 मिलियन खुराक तक के समझौते किए जा सकते हैं.’
इमरजेंसी टेंडर में यूनिसेफ ने वैक्सीन निर्माताओं के साथ कॉन्ट्रेक्ट के तहत वैक्सीन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. इससे यूनिसेफ बिना किसी देरी के वैक्सीन खरीद सकेगा और जरूरतमंदों तक पहुंचा सकेगा. साथ ही वैक्सीन के लिए फंड और डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर भी प्लानिंग की जा रही है. डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में नए क्लैड 1बी स्ट्रेन के मामलों में वृद्धि से चिंतित होकर डब्ल्यूएचओ ने 14 अगस्त को एमपॉक्स पर अंतरराष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की, जो आसपास के देशों में फैल गया.
मंकीपॉक्स के क्या हैं लक्षण?
मंकीपॉक्स के लक्षण स्मॉल पॉक्स जैसे होते हैं. शुरुआत में ये कम गंभीर दिखते हैं. ये लक्षण त्वचा पर दाने, बुखार, गले में सूजन, सर दर्द, शारीरिक दर्ज, शरीर में थकावट जैसे होते हैं. मंकीपॉक्स के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के भीतर शुरू होते हैं. अगर आपको फ्लू जैसे लक्षण हैं, तो संभवतः 1-4 दिन बाद आपको दाने निकल आएंगे. मंकीपॉक्स से होने वाले दाने ठीक होने से पहले कई चरणों से गुजरते हैं, जिनमें पपड़ी बनना भी शामिल है. दाने शुरू में फुंसी या छाले जैसे दिख सकते हैं और इनमें दर्द या खुजली हो सकती है.