कोलकाता : कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सीबीआई ने कोर्ट में बताया है कि पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने अस्पताल में डॉक्टरों की भर्ती में भी धांधली की थी और अपनी पसंद को डॉक्टरों की नियुक्ति करवाई थी। इसके अलावा उनपर नियमों का उल्लंघन करके अस्पताल के ठेके देने का भी आरोप एजेंसी ने लगाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक हाउस स्टाफ की नियुक्ति के लिए संदीप घोष मनमाने तरीके से इंटरव्यू करवाते थे। इसमें इंटरव्यू के लिए कोई पैनल ही नहीं रहता था। नियुक्ति से पहले इंटरव्यू के फाइनल नंबर ही जारी किए जाते थे। एजेंसी का आरोप है कि संदीप घोष खुद हाउस स्टाफ की लिस्ट बनाते थे जिसमें कई योग्य ट्रेनी डॉक्टरों को बाहर कर दिया जाता था।
इसके अलावा एजेंसी का आरोप है कि अस्पातल के प्रबंधन में लंबे समय से धांधली हो रही थी। वित्तीय कुप्रंबधन को लेकर ही एजेंसी ने संदीप घोष को पिछले महीने गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई यह भी जांच कर रही है कि आखिर किस तरह से अस्पताल के एक सिक्योरिटी गार्ड की पत्नी नरगिस को अस्पताल की कैंटीन का ठेका मिल गया। एजेंसी के मुताबिक महिला की कंपनी एशान कैफे को गलत तरीके से ठेका दिया गया। यह भी सामने आया कि नॉन रिफंडेबल कॉशन मनी भी गार्ड की पत्नी को वापस कर दी गई।
अधिकारी ने कहा कि ऐसे सबूत हाथ लगे हैं जिससे भ्रष्टाचारा का पता चलता है। उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी गार्ड ही वेंडर्स से संपर्क करके बायोमेडिकल वेस्ट को बेचा करते थे। बता दें कि अस्पताल में 9 अगस्त को महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव पाया गया था। ऑटोप्सी में पता चला कि उसके साथ रेप भी हुआ था। पुलिस ने इस मामले में एक पुलिस सिविक वॉलंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया था।