नई दिल्ली: किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच शनिवार को एक बार फिर टकराव हुआ. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें की. इस दौरान कुछ किसान घायल हो गए हैं, जिसके बाद किसानों के दिल्ली मार्च को एक दिन शनिवार के लिए टाल दिया गया है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने ऐलान किया कि 16 मार्च को पंजाब को छोड़कर सभी राज्यों में ट्रैक्टर मार्च होगा तो 18 मार्च को तीन घंटे के लिए रेल जाम करेंगे.
101 किसानों के जत्थे ने शनिवार को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया. हालांकि कुछ मीटर आगे बढ़ने के बाद ही प्रदर्शनकारी किसानों को हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय अवरोधकों से रोक दिया गया. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार कीं.
किसानों के जत्थे को वापस बुलाया
जानकारी के मुताबिक, आंसू गैस के गोले दागने से कुछ किसान घायल हो गए और उन्हें प्रदर्शन स्थल पर खड़ी एंबुलेंसों से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है. इसके बाद आज किसानों के इस जत्थे को वापस बुला लिया गया है.
इसके बाद किसान नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फेंस कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पैदल जा रहे किसानों पर बल प्रयोग किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ वार्ता करते हैं तो दूसरी ओर बल प्रयोग किया जा रहा है. पंढेर ने संवाददाताओं को बताया कि आंदोलन की अगुवाई कर रहे दोनों मंचों ने ‘‘जत्थे का मार्च रोकने” का फैसला किया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई में 17-18 किसान घायल हुए हैं.
रबर की गोलियां चलाने का आरोप
किसान नेता मंजीत सिंह राय ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने रबर की गोलियां भी चलाईं जिसमें एक किसान गंभीर रूप से घायल हो गया. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों मंचों ने आज के लिए जत्थे को वापस बुलाने का निर्णय लिया है और बैठक के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी.”
पंढेर ने आरोप लगाया, ‘‘किसानों को तितर-बितर करने के लिए रसायन मिश्रित पानी का इस्तेमाल किया गया और इस बार अधिक आंसूगैस के गोले दागे गए.” हालांकि, अंबाला कैंट के पुलिस उपाधीक्षक रजत गुलिया ने आरोपों का खंडन किया.