अमेरिकी नोट पर छपा वैज्ञानिक, जिसने कभी अपनी खोजों को पेटेंट नहीं कराया, पढ़ें कहानी
1800 के दौरान, एक आदमी बहुत तेज बारिश के दौरान पतंग उड़ा रहा था। सिल्क की उस पतंग में लोहे की एक चाबी भी बंधी हुई थी। तभी तेज बिजली कड़की से चिंगारियां निकलने लगीं और चाबी से चिंगारियां निकलने लगीं।
आदमी जो पतंग उड़ा रहा था, जानता था कि कड़कती बिजली उसे मार सकती है। वह बारिश में भी पतंग उड़ा रहा था, क्योंकि उसे मानवता का आविष्कार करना था। हम उस व्यक्ति को महान वैज्ञानिक बैंजामिन फ्रैंकलिन के रूप में जानते हैं, जिसकी प्रतिमा 100 डॉलर के नोट पर छपी रहती है।
17 जनवरी 1706 को अमेरिका में जन्मे बैंजामिन फ्रैंकलिन ने अपने कई आविष्कारों और खोजों पर मानवता की सेवा के कारण कभी पेटेंट नहीं लिया। पतंगबाजी के अपने प्रयोग से उन्होंने करंट और उससे बचाव की सावधानियों के बारे में आज हम जानते हैं। यह फ्रैंकलिन ने आकाशीय बिजली से ऊंची इमारत को बचाने वाली लाइटनिंग रॉड (तड़ित चालक) बनाया।
बनाया स्टोव और बाइफोकल चश्मा
1720 के दशक में, भोजन पकाने के लिए बड़े आकार के पांच प्लेट के स्टोव चलन में थे। बैंजामिन ने इसे फ्रैंकलिन स्टोव (लोहे की भट्ठी) में बदल दिया। महिलाओं को भोजन पकाने में इससे काफी सुविधा हुई। हालाँकि, स्टोव का डिजाइन बाद में और भी बदल गया। इसके अलावा, बैंजामिन फ्रैंकलिन ने रेफ्रिजरेशन के सिद्धांत को आगे बढ़ाकर फ्रिज और एसी बनाए गए। उन्हीं ने भी बाइफोकल चश्मा बनाया है। इसके बावजूद, उन्होंने कभी अपने आविष्कारों का पेटेंट नहीं कराया, जिससे लोगों को उनका मुफ्त लाभ मिल सकता था।
10 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया
1706 ईस्वी में मेसाचुसेट्स राज्य के बोस्टन में बैंजामिन फ्रैंकलिन का जन्म हुआ। उनके पिता ने मोमबत्ती बनाई। वह 10 साल की उम्र में अपने पिता की 17 संतानों में से 15वीं थे। वह अपने बड़े भाई के साथ एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करने लगे और खुद पढ़ाई करके पढ़ाई की।
अमेरिका का संविधान बनाने वालों में भी शामिल
अमेरिका में फ्रैंकलिन एक बड़े संगीतकार और जाने-माने शतरंज खिलाड़ी के रूप में भी प्रसिद्ध थे. यहां तक कि उनको अमेरिकी चेस हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया था. अमेरिका की आजादी की लड़ाई में शामिल हुए तो वह अमेरिका का संविधान बनाने वाले लोगों में जॉर्ज वॉशिंगटन के बाद दूसरे स्थान पर थे. उन्होंने जनसंख्या के अध्ययन पर भी काफी काम किया. 17 अप्रैल 1790 को फिल्डेफिया में उनका निधन हो गया.
मदद की चेन चलाई
फ्रैंकलिन जब प्रिंटिंग प्रेस में काम करते थे तो तबीयत खराब होने पर किसी से 20 डॉलर उधार लिए थे. वह व्यक्ति काफी धनी था. एक दिन वह 20 डॉलर की सोने की गिन्नियां लेकर चुकाने पहुंचे तो उस व्यक्ति ने कहा कि मैंने आपको पहचाना नहीं. काफी याद दिलाने पर उसे याद आया पर उसने गिन्नियां लेने से इनकार कर दिया. उसने फ्रैंकलिन से कहा कि पैसे अपने पास ही रखें और कोई जरूरतमंद मिलने पर उसकी मदद करें. उस व्यक्ति से प्रभावित फ्रैंकलिन नमस्कार कर लौट आए और गिन्नियां एक जरूरतमंद युवक को दे दीं. साथ ही उससे वही बात कही जो धनी आदमी ने उनसे कही थी. इस तरह से अमेरिका में मदद की एक चेन भी शुरू हो गई थी. गाजा पर IDF का ट्रिपल अटैक, अमेरिकी NGO के 4 लोग मारे गए, मिजो महिला भी शामिल