नई दिल्ली: सऊदी अरब के रेगिस्तान में भूख-प्यास से तड़पते हुए तेलंगाना के एक युवक और उसके सूडानी साथी की मौत हो गई. तेलंगाना के 27 वर्षीय शहजाद सऊदी अरब के रुब अल खली रेगिस्तान में फंस गए थे. करीमनगर निवासी मोहम्मद शहजाद खान, जो 3 साल से सऊदी अरब में एक टेलीकॉम कंपनी में काम कर रहे थे, वो एकदम उजाड़ और खतरनाक रुब-अल-खाली रेगिस्तान में अपने साथी के साथ फंस गए थे. ये रेगिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में से एक है. 650 किलोमीटर से अधिक दूरी तक फैला रुब अल खली अपने दुर्गम इलाके के लिए पहचाना जाता है, जहां सर्वाइल अपने आप में एक बड़ी चुनौती है.
जीपीएस फेल, बाइक में तेल खत्म…
जीपीएस सिग्नल फेल होने के बाद दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक रुब-अल-खाली में मोहम्मद शेहजाद खान (27) फंस गए थे. शेहजाद, सुडान के अपने एक दोस्त के साथ उस इलाके से गुजर रहे थे. जीपीएस फेल होने के कुछ देर बाद उनकी बाइक में तेल खत्म हो गया और मोबाइल की बैट्री भी खत्म हो गई, जिससे वे किसी से मदद नहीं मांग पाए. नतीजतन दोनों रेगिस्तान की चिलचिलाती गर्मी में बिना भोजन या पानी के फंसे रह गए. हालांकि दोनों ने इतने ज्यादा तापमान में जीवित रहने के लिए पुरजोर संघर्ष किया, लेकिन दोनों ही प्यास और थकावट की वजह से बच नहीं पाए. शहजाद और उसके साथी के शव गुरुवार को चार दिन बाद रेत के टीलों में उनके वाहन के बगल में पड़े मिले.
रुब-अल खाली बेहद दुर्लभ इलाका
रुब-अल खाली को दुनिया के दुर्लभ इलाकों में भी गिना जाता है. इसलिए इसे एम्प्टी डेजर्ट भी कहा जाता है. जो कि यह अरब के रेगिस्तान का सबसे बड़ा हिस्सा है, ये सऊदी के कुल क्षेत्रफल का एक-चौथाई है. रुब-अल खाली 650 किलोमीटर की लंबी दूरी तक फैला है. यह सऊदी अरब के दक्षिणी हिस्से और पड़ोसी देशों जैसे ओमान, यूएई और यमन तक फैला हुआ है. रुब-अल खाली दुनिया के सबसे सूखे इलाकों में से एक है. इस रेगिस्तान में रेत के नीचे पेट्रोलियम का विशाल भंडार भी है. साल 1948 में इसी रेगिस्तान के उत्तर-पूर्वी इलाके अल-गवार में दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार मिला था.