कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की मीटिंग की शर्तें मानने से इनकार कर दिया। आरजी कर अस्पताल 9 अगस्त को महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद वहां विरोध प्रदर्शन चल रहा है। घटना को एक महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। मामले में न्याय के लिए आवाज उठा रहे डॉक्टरों और सरकार के बीच बातचीत होनी थी। इसमें डॉक्टरों ने शर्त रखी थी कि बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद रहेंगी। इसके अलावा पूरी बातचीत की लाइव स्ट्रीमिंग की भी शर्त रखी गई थी। लेकिन सरकार ने इन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया है। बता दें कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के सामने लगातार दूसरे दिन धरना दिया था। स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि बातचीत के लिए शर्तें लगाना चिकित्सकों की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए खुले मन से आगे आने का संकेत नहीं है। सरकार उनकी हर बात सुनने के लिए तैयार है, लेकिन वे ऐसी बैठक के लिए पूर्व शर्तें नहीं तय कर सकते। उन्होंने बुधवार तड़के 3.49 बजे सीएमओ को ईमेल भेजने के पीछे के औचित्य पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि इसके पीछे राजनीतिक उकसावा हो सकता है। इसको लेकर डॉक्टरों की भी प्रतिक्रिया सामने आई, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके ऊपर किसी का प्रभाव नहीं है और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
इस बीच बंगाल की स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों से गुहार लगाई है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए काम पर लौट जाएं। हालांकि उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को न मानने वालों पर कोई ऐक्शन होगा। उधर, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में माहौल खराब करने वाले 51 डॉक्टरों के खिलाफ सुनवाई स्थगित हो गई है। यह सुनवाई शुक्रवार को फिर से शुरू हो सकती है। दूसरी तरफ टीएमसी नेताओं ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को राष्ट्रविरोधी कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इन प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ प्रदर्शन कर सकती है।
असल में पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को शाम छह बजे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को बातचीत के लिए प्रदेश सचिवायल नाबन्ना में बुलाया था। हालांकि यह कन्फर्म नहीं किया गया था कि इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद रहेंगी या नहीं। चीफ सेक्रेट्री मनोज पंत ने एक ई-मेल में डॉक्टरों से डेलीगेशन भेजने के लिए कहा था। साथ ही जोर दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए मंगलवार शाम पांच बजे तक डॉक्टर काम पर लौट जाएं। हालांकि डॉक्टरों ने मीटिंग के लिए राजी होने से पूर्व अपनी कुछ शर्तें रखीं। इसके मुताबिक मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद मौजूद रहें। इसके अलावा बातचीत का पूरा लाइव टेलीकास्ट किया जाए। जूनियर डॉक्टरों के फोरम ने अपनी तरफ से कम से कम 30 प्रतिनिधियों के लिए भी कहा था, क्योंकि यह मामला कई मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों तक पहुंच चुका है। हालांकि सरकार ने कोई भी शर्त मानने से इनकार कर दिया।
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन पर डॉक्टरों की भीड़ काफी ज्यादा है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में जूनियर डॉक्टर्स यहां पर पहुंच रहे हैं। उधर, बुधवार को सीबीआई अफसरों ने मुख्य आरोपी संजय रॉय से फिर से पूछताछ की। यह पूछताछ प्रेसीडेंसी करेक्शनल होम में की गई। सीबीआई की एक अन्य टीम ने सुबह जूनियर डॉक्टरों से पूछताछ की। वहीं, कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमिश्नर नॉर्थ, अभिषेक गुप्ता और डिप्टी कमिश्नर ऑफ द डिटेक्टिव डिपार्टमेंट स्पेशल, विदित राज भूंदेश से भी पूछताछ हुई है। वहीं, प्रदर्शन में मिथुन चक्रवर्ती समेत कई अन्य भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया है।