सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगने के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सार्वजनिक बयान जारी करते हुए अपनी बात पर खेद जताया है। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि हमें भारत की न्याय व्यवस्था में दृढ़ विश्वास है और अपने बयान पर खेद है। उन्होंने कहा कि 29 अगस्त को मीडिया में आए मेरे बयानों से लगता था कि मैं माननीय न्यायलय पर सवाल खड़े कर रहा हूं। मुझे न्याय और संविधान में पूरा विश्वास है। मैं हमेशा ही न्यायपालिका का सम्मान करता रहूंगा।
रेड्डी ने कविता की जमानत के लिए भाजपा और बीआरएस के बीच कथित सौदेबाजी की ओर संकेत किया था। उनके इस बयान पर नाराज़गी जताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे बयानों से लोगों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती हैं।
जस्टिस बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने रेड्डी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा, ‘क्या आपने अखबार में पढ़ा कि उन्होंने क्या कहा? बस इतना पढ़िए, कि उन्होंने क्या कहा। एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री का यह कैसा बयान है? इससे लोगों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती हैं। क्या एक मुख्यमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए? संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति इस तरह से बोल रहे हैं?’
पीठ ने कहा, ‘राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में उन्हें अदालत को क्यों घसीटना चाहिए? क्या हम राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा करके आदेश पारित करते हैं? हमें राजनीतिक नेताओं या किसी अन्य द्वारा हमारे फैसलों की आलोचना करने से कोई परेशानी नहीं होती। हम अपने विवेक और शपथ के अनुसार अपना कर्तव्य निभाते हैं।’
शीर्ष अदालत 2015 के ‘नकद के बदले वोट’ घोटाला मामले में मुकदमे को राज्य से भोपाल स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रेड्डी एक आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह 2015 के ‘नकद के बदले वोट’ घोटाला मामले की सुनवाई के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त करेगा। दोपहर में जब मामले की सुनवाई हुई तो न्यायालय ने संभावित नामों पर चर्चा की जिनमें वकील सुरेंद्र राव और ई उमा महेश्वर राव के नाम शामिल थे। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेता के तौर पर रेवंत रेड्डी को 31 मई 2015 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार किया था, जब विधान परिषद चुनाव में तेदेपा उम्मीदवार वेम नरेन्द्र रेड्डी का समर्थन करने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को 50 लाख रुपये की रिश्वत दे रहे थे।
कोर्ट में मुकुल रोहतगी रोहतगी ने रेड्डी की ओर से माफी मांगी और कहा, “मुझे अपनी गलती सुधारने दीजिए और मामले को सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दीजिए।” नाराज दिख रही पीठ ने रोहतगी से कहा, “अगर आप उच्चतम न्यायालय का सम्मान नहीं करते हैं तो सुनवाई कहीं और करवा लीजिए।” पीठ ने मामले को सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।”