नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्रालय प्लेन में बम होने की धमकी की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम लागू करने की योजना बना रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि बम होने की धमकी देने के मामले में दोषियों को ‘नो फ्लाई’ लिस्ट में शामिल करने पर भी विचार किया जा रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने गुरुवार को कहा कि मंत्रालय नागरिक उड्डयन नियमों में संशोधन करने पर विचार कर रहा है ताकि एयरलाइनों को बम की धमकी देने वाली घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
4 दिन में 25 फ्लाइट्स को मिली बम की धमकी
बता दें कि अलग-अलग भारतीय एयरलाइंस की कम से कम 25 फ्लाइट्स को 4 दिन में बम की धमकियां मिल चुकी हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल हैं और उनमें से कुछ का रूट भी बदल दिया गया। इनमें से ज्यादातर धमकियां गलत साबित हुई हैं। एक अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में मंत्रालय नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) से संबंधित नियमों सहित मौजूदा नियमों में संशोधन करने पर विचार कर रहा है, ताकि दोषियों के लिए कड़ी सजा तय की जा सके। अधिकारी ने कहा कि बम ब्लास्ट की झूठी धमकी देने वाले लोगों को एयरलाइन की ‘नो-फ्लाई’ लिस्ट में डालने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
फर्जी बम धमकी पर कोई विशेष प्रावधान नहीं
अधिकारी ने यह भी कहा कि नियमों में बदलाव करने के बारे में कानूनी राय ली जा रही है। फर्जी बम धमकियों से निपटने के लिए मंत्रालय विदेशों में अपनाए जा रहे प्रावधानों की भी जांच कर रहा है। अधिकारी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर लोगों को झूठी धमकी देने से रोकने के लिए विधायी संशोधनों पर विचार होगा। मौजूदा समय में विमान में दुर्व्यवहार करने वाले यात्रियों के खिलाफ सख्त नियम हैं, लेकिन ऐसे मामलों से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं हैं जहां सोशल मीडिया जैसे बाहरी स्रोतों से बम की धमकी मिली हो। अभी फर्जी बम धमकी की घटनाओं के खिलाफ पुलिस क्रिमिनल लॉ के तहत एक्शन लेती है।
‘सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है’
अधिकारी ने कहा कि गृह और कानून मंत्रालयों के साथ चर्चा की जा रही है, जबकि एयरलाइन से भी जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने कहा,‘हम ऐसे नियम चाहते हैं जो कठोर हों।’ बुधवार को नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा था कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां एयरलाइंस को बम की धमकी के सभी मामलों की सक्रियता से जांच कर रही हैं और सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। उन्होंने विमानन क्षेत्र की सुरक्षा और ऑपरेशन से समझौता करने की किसी भी कोशिश की निंदा की थी।