दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले स्थित एक जंगल में शनिवार को आतंकवादियों के साथ हुई एक भीषण मुठभेड़ में दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए जबकि चार अन्य घायल हो गए। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि यह मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब दूरदराज के अहलान गगरमांडू जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की एक सूचना मिलने के बाद घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी में दो नागरिक भी घायल हो गये। उन्होंने बताया कि यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब आतंकवादियों के एक समूह ने संयुक्त तलाश दल पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें पैरा कमांडो सहित सेना के जवान और स्थानीय पुलिस के कर्मी शामिल थे। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में छह सैन्यकर्मी और दो नागरिक घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि घायल सैनिकों को तुरंत निकटवर्ती अस्पताल ले जाया गया, जहां दो को मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि शेष घायल कर्मियों और नागरिकों का उपचार किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है और अंतिम सूचना मिलने तक आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें मार गिराने का अभियान जारी है। इस मुठभेड़ ने पिछले साल सितंबर में कोकेरनाग में हुए एक ऐसी ही गोलीबारी में की याद दिला दी, जिसमें कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट सहित चार सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इस दौरान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक कमांडर सहित दो आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था।
पंद्रह जुलाई को डोडा जिले में हुई मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने कोकेरनाग के जंगलों में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं, जिसमें एक कैप्टन समेत चार जवान शहीद हो गए थे। माना जा रहा है कि अनंतनाग की हालिया घटना में शामिल आतंकवादी डोडा में मुठभेड़ से बचकर किश्तवाड़ जिले से यहां आए हैं। श्रीनगर स्थित सेना की चिनार कोर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “एक विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर, भारतीय सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने आज अनंतनाग के कोकेरनाग क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान शुरू किया। आतंकवादियों से आमना सामना होने पर गोलीबारी शुरू हो गई।”
सेना ने नागरिकों के घायल होने की भी सूचना दी तथा जारी अभियान के दौरान आतंकवादियों द्वारा की गई अंधाधुंध, हताशापूर्ण गोलीबारी की निंदा की है। इसमें कहा गया है कि घायल नागरिकों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है तथा उन्हें उपचार के लिए वहां से निकाल लिया गया है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, क्योंकि सुरक्षा बल क्षेत्र में आतंकवादियों की तलाश जारी रखे हुए हैं।
अनंतनाग में चल रही इस मुठभेड़ को हाल के महीनों में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी से जोड़ा जा रहा रहा है। लगभग दो सप्ताह पहले कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) के हमले को सेना ने विफल कर दिया था। इस हमले में एक सैनिक शहीद हो गया था और एक मेजर रैंक के अधिकारी सहित चार अन्य घायल हुए थे।
इससे पहले, डोडा जिले में भी आतंकवादियों के साथ एक मुठभेड़ हुई थी जिसमें एक अधिकारी और एक पुलिसकर्मी समेत चार सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के एक छद्म समूह ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने ली थी। इन हमलों ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है और सुरक्षा बलों के लिए चुनौतियां उत्पन्न की हैं।