Critical Health Insurance: स्वास्थ्य बीमा से क्या अलग है, और इसे लेना क्यों आवश्यक है?
न्यू दिल्ली: आज हमारी जीवनशैली काफी विचित्र है। खाना खाने से लेकर सोने-उठने तक हर चीज का तंत्र खराब हो गया है। इससे कई गंभीर बीमारियां भी हमें खा जाती हैं।हमारा स्वास्थ्य बीमा सामान्य बीमारियों को कवर करता है। लेकिन कैंसर और दिल का दौरा जैसे गंभीर रोगों में यह काम नहीं आता। ऐसे में क्रिटिकल इलनेस कवर की आवश्यकता होती है।
क्रिटिकल दुर्घटना बीमा क्या है?
आज कई आम बीमारियों का इलाज करने में लाखों रुपये खर्च होते हैं। यही कारण है कि अच्छी कमाई करने वालों की पूरी संपत्ति एक बार में खत्म हो जाती है अगर उन्हें कैंसर या दिल की बीमारी हो जाए। क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस ऐसे समय में हमें मदद करता है।
इसमें हार्ट अटैक, कैंसर, किडनी फेल, पैरालिसिस, ट्यूमर, कोमा और अंग प्रत् यारोपण के इलाज शामिल हैं। ये बीमारियां शरीर के महत्वपूर्ण भागों को नुकसान पहुंचाती हैं और लंबे समय तक चलने वाला इलाज करती हैं।
क्रिटिकल इलनेस कवर का क्या लाभ है?
इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आपको आर्थिक रूप से परेशान करने वाली गंभीर बीमारियों का बीमा करता है। 45 साल की उम्र तक इसमें कोई मेडिकल चेक-अप की भी आवश्यकता नहीं होती।
बीमा कंपनी भी आपको Lumpsum, या एकमुश्त भुगतान, दे सकती है अगर आपको गंभीर बीमारी है। इससे आप एक सुंदर अस्पताल में इलाज पा सकते हैं। सेक्शन 80D में टैक्स छूट भी मिलती है। साथ ही, इंश्योरेंस लेने की प्रक्रिया काफी आसान है।
कवर क्या बीमार होते हैं?
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस में दिल का दौरा, स्ट्रोक, कैंसर, लकवा, अंग प्रत्यारोपण और ब्रेन ट्यूमर शामिल हैं। हालाँकि, अगर आप क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी लेने जा रहे हैं, तो अपने परिवार की मेडिकल इतिहास को पूरी तरह से देखें। इससे आपको पता चलेगा कि किन बीमारियों को अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए। स्वास्थ्य बीमा प्राप्त करने के लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहना आवश्यक नहीं है; इन परिस्थितियों में आप आसानी से दावा कर सकते हैं