Sunday, December 22, 2024
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भारतीय रेल में नए युग की शुरुआत: वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें और यात्रियों की सुविधा का होगा विस्तार

चाम्पा : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जोनल रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति के सदस्य कुलवन्त सिंह सलूजा ने बताया है कि भारतीय रेल देश के परिवहन तंत्र में एक नई क्रांति ला रही है। आधुनिक तकनीकों और विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं को अपनाते हुए, रेल मंत्रालय ने हाल ही में कई उल्लेखनीय घोषणाएँ की हैं। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक वक्तव्य के दौरान इन महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें: नई संभावनाएँ

देश में लंबी और मध्यम दूरी की यात्रा को और अधिक आरामदायक और तेज़ बनाने के लिए भारतीय रेल ने 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के निर्माण की शुरुआत की है। इनमें से पहला प्रोटोटाइप तैयार हो चुका है और इसका फील्ड ट्रायल जल्द ही शुरू होगा। इसके अलावा, 200 वंदे भारत स्लीपर रेक के निर्माण का कार्य प्रौद्योगिकी साझेदारों को सौंपा गया है।

136 वंदे भारत चेयर कार रेलगाड़ियां पहले ही देश भर में सफलतापूर्वक चल रही हैं, जो यात्रियों को तेज़ और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान कर रही हैं। रेल मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2024 तक वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की कुल क्षमता 100% से अधिक हो जाएगी।

एलएचबी कोचः सुरक्षा और आराम का संगम

भारतीय रेल ने अप्रैल 2018 से केवल एलएचबी लिंक हॉफमैन बुश कोच बनाने का निर्णय लिया है। ये कोच तकनीकी रूप से उन्नत हैं और सुरक्षा, आराम तथा विश्वसनीयता की दृष्टि से अत्यधिक प्रभावी हैं। इनमें एंटी- क्लाइंबिंग व्यवस्था, विफलता संकेत प्रणाली, एयर सस्पेंशन, और कम संक्षारक शेल जैसी सुविधाएँ शामिल हैं।

वर्ष 2014-24 के दौरान भारतीय रेल ने 36,933 एलएचबी कोच बनाए, जो 2004-14 के दौरान बने 2,337 कोचों की तुलना में 16 गुना अधिक हैं। यह वृद्धि भारतीय रेल के तकनीकी विकास और यात्री अनुभव को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

सुगम्य भारत मिशनः दिव्यांगजनों और वृद्ध यात्रियों की सुविधा
सुगम्य भारत मिशन के अंतर्गत भारतीय रेल दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएँ प्रदान कर रहा है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के दिशा-निर्देशों के अनुसार, रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ियों को सुलभ बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं:
रैंप और लिफ्ट एस्कलेटरः नवंबर 2024 तक 399 शनों पर 1,512 एस्कलेटर और 609 स्टेशनों पर रैंप और लिफ्ट एस्कलेटरः नवंबर 2024 तक 399 स्टेशनों पर 1,512 एस्कलेटर और 609 स्टेशनों पर 1,607 लिफ्टें लगाई जा चुकी हैं। यह पिछले दशक की तुलना में क्रमशः 9 और 14 गुना अधिक है।
विशेष कोचः अधिकांश मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में चौड़े प्रवेश द्वार, व्हीलचेयर पार्किंग, और सुलभ शौचालय वाले कोच उपलब्ध हैं।

वंदे भारत में विशेष सुविधाएँ: दिव्यांगजनों के लिए स्वचालित दरवाजे, ब्रेल साइनेज, और विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए स्थान उपलब्ध कराए गए हैं।
भविष्य की ओर कदम वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का निर्माण और उनकी सुविधाओं का विस्तार भारतीय रेल को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह परियोजना न केवल यात्रा अनुभव को बेहतर बनाएगी, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुगमता को भी प्राथमिकता देगी।

भारतीय रेल, आधुनिक तकनीकों और समावेशी दृष्टिकोण के साथ, परिवहन के क्षेत्र में एक नई कहानी लिख रहा है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें और एलएचबी कोचों का बढ़ता निर्माण इस बात का प्रमाण है कि देश की रेल प्रणाली वैश्विक मानकों की ओर बढ़ रही है। सलूजा ने रेल मंत्रालय के इस निर्णय का स्वागत करते हुए मांग किया है कि चाम्पा में गिताजलि एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस नैला जांजगीर में साउथ बिहार एक्सप्रेस, गोंडवाना एक्सप्रेस,सक्ती में अहमदाबाद एक्सप्रेस, गोंडवाना एक्सप्रेस का स्टापेज दिया जाए जिससे जिले के यात्रियों को यात्रा में सुविधा मिल सके

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