Monday, March 10, 2025
HomeNATIONAL120 किलो की फरहाना, नहीं फेंक सकती है पत्थर; संभल हिंसा केस...

120 किलो की फरहाना, नहीं फेंक सकती है पत्थर; संभल हिंसा केस में 87 दिन बाद हुई रिहाई

Sambhal Violence: 48 साल की फरहाना 26 नवंबर को संभल हिंसा के दौरान पुलिस पर पत्थर फेंकने के आरोप में गिरफ्तार की गई थी। उसे 87 दिनों के बाद जेल से रिहा कर दिया गया। जांच में पाया गया कि फरहाना का वजन लगभग 120 किलोग्राम है और वह उस छत तक चढ़ने में सक्षम नहीं हो सकती हैं, जहां से पत्थर फेंके गए थे। आपको बता दें कि हिंसा के बाद पुलिस ने फरहाना पर गंभीर धाराएं लगाए थे। उनके खिलाफ 191-2 (दंगा), 191-3 (घातक हथियारों से दंगा), 109 (हत्या का प्रयास), 190 (सामान्य उद्देश्य के अपराध), 117-2 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 121-2 (किसी अधिकारी को ड्यूटी के दौरान गंभीर चोट पहुंचाना), 132 (सार्वजनिक सेवक पर हमला), और 223B (सार्वजनिक सेवकों के आदेशों की अवज्ञा) के तहत आरोप लगाए गए थे।

नेपाल में आधी रात कांपी धरती, बिहार में भी महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके

स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट किया गया कि सोशल मीडिया पर जो महिला का फुटेज था वह पतली थी। वहीं, फरहाना का वजन काफी अधिक है। उसकी अपनी पड़ोसी जिकरा के साथ उसकी पुरानी दुश्मनी थी। उसी ने इस मामले में झूठे तौर पर फंसा दिया।

फरहाना को 26 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह पिछले गुरुवार तक जेल में रही। SIT ने संभल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अपनी जांच रिपोर्ट पेश की। SIT के सदस्य और सर्कल अधिकारी कुलदीप कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, “फरहाना को गिरफ्तार किया गया था क्योंकि उसे पत्थर फेंकने वाली महिलाओं में से एक के रूप में पहचाना गया था। बाद में कुछ स्थानीय लोगों ने हलफनामे दिए जिसमें कहा गया कि फरहाना का वजन करीब 120 किलोग्राम है और वह पत्थर फेंकने वालों में नहीं थी।”

पड़ोसी जिकरा ने दुश्मनी से फंसाया

उन्होंने आगे कहा, “एक अन्य आरोपी महिला जिकरा ने अपनी गिरफ्तारी के बाद जांच अधिकारी को बताया कि फरहाना भी उनके साथ पुलिस पर पत्थर फेंकने आई थी। हम बाद में यह पाए कि वह अपनी बहन मरियम को बचाने की कोशिश कर रही थी, जो बुर्का पहनकर पुलिस पर पत्थर फेंक रही थी।” कुमार ने यह भी कहा, “हमने यह भी पाया कि जिकरा का फरहाना से पुराना दुश्मनी थी, जो इस मामले में उसे फंसाने का एक कारण था। हमने सभी मामलों में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की है और न्याय सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। हम जिकरा के खिलाफ कार्रवाई करेंगे क्योंकि उसने पुलिस को गुमराह किया।”

मणिपुर के सात जिलों में लोगों ने अपने हथियार सरेंडर किए, सौंपा गोला-बारूद और बंदूकें

फरहाना के एक रिश्तेदार ने नाम नहीं बताने की शर्त पर अंग्रेजी अखबार को बताया, “वह जीवन के बहुत बुरे दौर से गुजरी है और अब खुद को संजोने की कोशिश कर रही है। जेल में बिताए गए समय के बुरे सपने अभी भी उसे तंग कर रहे हैं। पुलिस को बिना ठोस सबूत के किसी को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए।”

26 लोगों को किया था गिरफ्तार

SIT के सदस्य और इंस्पेक्टर लोकेंद्र कुमार त्यागी ने अदालत में यह बताया कि संभल हिंसा से संबंधित 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 25 के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। फरहाना के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। त्यागी ने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि फरहाना की न्यायिक हिरासत को नहीं बढ़ाया जाए। अदालत ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए फरहाना को एक लाख रुपये के व्यक्तिगत बॉन्ड पर रिहा करने का आदेश दिया।

आपको बता दें कि 24 नवंबर को संभल में हिंसा भड़क उठी थी। एक कोर्ट के निर्देश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान यह दावा किया गया कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर पर बनाई गई थी। लगभग 2,000 से 3,000 लोगों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए थे। इसके परिणामस्वरूप झड़पें हुईं और पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments