नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के बांदा की 8 साल की शहजादी खाना बना रही थी कि जल गई. चेहरा बुरी तरह झुलस गया. इसी झुलसे चेहरे के साथ वह बड़ी हुई. फेसबुक पर एक शख्स से दोस्ती हुई तो उसने बताया कि दुबई जाकर इलाज करवाएगी तो चेहरा ठीक हो जाएगा. वह उसके झांसे में आ गई और दुबई चली गई. उसे क्या पता था कि दुबई में उसकी जान के ही लाले पड़ जाएंगे. अब वह दुबई की जेल में कैद है और उसका पिता के पास फोन आया है कि 20 सितंबर के बाद उसे कभी भी फांसी हो सकती है. इस खबर को सुनते ही मां-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनकी दिव्यांग बेटी को फंसाया गया है, उसे वहां से लाया जाए.
मेरी बेटी बेकसूर है, उसे बचा लो- मां
पिता ने बताया कि बेटी की दोस्ती उजैर नाम के आगरा के शख्स से फेसबुक पर हुई. उसने कहा कि मेरी बुआ-फूफा अबु धाबी में रहते हैं तो वहां चली जाए. वह चली गई. उनके 4 महीने का बच्चे को इंजेक्शन लगा था. उसकी मां ऑफिस चली गई. पीछे से बच्चे की तबीयत खराब हो गई और मौत हो गई. उसी का आरोप मेरी बेटी पर लगाया गया है. बच्चे को बिना पोस्टमार्टम दफना दिया गया. मेरी बेटी से मारपीट करके दस्तखत करवाए गए कि मैंने ही बच्चे को मारा है.पीएम मोदी से गुहार लगाना चाहता हूं कि वहां बात करें और इस मामले की जांच करवाएं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. क्या इस देश की बेटी को इंसाफ नहीं मिलेगा. क्या वो ऐसे ही मर जाएगी. जब से बेटी से बात हुई है जी नहीं पा रहे हैं. खाना भी नहीं खाया है. उसने फोन पर रोकर बोला है कि 20 सितंबर के बाद कभी भी फांसी हो सकती है. शहजादी की मां का भी रो-रोकर बुरा हाल है. बस यही कह रही है कि मेरी बेटी को बचाइये, वो बेकसूर है.
फेसबुक पर हुई थी उजैर से दोस्ती
बता दें कि बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव गोयरा मुगली की रहने वाली शहजादी सामाजिक संस्था रोटी बैंक में काम करती थी.फेसबुक के जरिए उसकी आगरा निवासी उजैर से शहजादी का संपर्क हुआ था. उसके प्रेमजाल में शहजादी फंसती चली गई. शहजादी का चेहरा जला हुआ था तो उजैर ने उसे आगरा बुला लिया. इलाज करवाने के नाम पर उसने दुबई में रहने वाले दंपति फैज और नादिया के हाथों शहजादी का सौदा कर दिया. दुबई में शहजादी को घरेलू नौकर की तरह काम करना पड़ता था. फैज और उसकी पत्नी शहजादी को टॉर्चर भी करते थे.