पुणे में हुए पोर्श कार हादसे में नया खुलासा हुआ है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सामने आया है कि 17 साल के आरोपी के साथ उसके दोस्तों का भी ब्लड सैंपल बदला गया था। यह खेल सासून के सरकारी अस्पताल में अंजाम दिया गया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि वह नशे में नहीं थे। आरोपी के दोनों दोस्त भी हादसे के वक्त उसके साथ थे। कल्याणी नगर (पुणे) हिट एंड रन मामले में छह आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सत्र अदालत आरोपी के माता-पिता विशाल और शिवानी अग्रवाल, बिचौलिए अश्पक मकंदर और अमर गायकवाड़ के साथ-साथ ससून अस्पताल के डॉ अजय तावरे और डॉ श्रीहरि हलनोर की कथित संलिप्तता की जांच कर रही है।
नाबालिग आरोपी को हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक निरीक्षण गृह से रिहा कर दिया गया था। हालांकि, ससून अस्पताल में उनके माता-पिता और डॉक्टर जांच के दायरे में हैं। इसकी वजह है उनके ऊपर ब्लड सैंपल बदलने का आरोप है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि यह दिखाया जा सके कि हिट एंड रन के दौरान आरोपी नशे में नहीं थे। यह घटना 19 मई को हुई थी, जब नशे में धुत नाबालिग ने पुणे के कल्याणी नगर में अपनी पोर्श कार से टक्कर मारने के बाद मोटरसाइकिल पर सवार दो 24 वर्षीय आईटी पेशेवरों की कथित तौर पर हत्या कर दी थी।
जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए विशेष अभियोजक शिशिर हिरे ने कहा कि डॉ. हल्नोर ने दुर्घटना के कुछ घंटों बाद कार चला रहे 17 वर्षीय किशोर और उसके दो दोस्तों के नमूने बदल दिए। अभियोजक ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश यू.एम. मुधोलकर को बताया कि उन्होंने अग्रवाल और डॉक्टर तावड़े के निर्देश पर यह काम किया और इसके लिए उन्हें 2.5 लाख रुपये मिले। मई महीने की 19 तारीख को पुणे के कल्याणी नगर क्षेत्र में नशे की हालत में एक नाबालिग द्वारा चलाई जा रही पोर्श कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसमें मध्य प्रदेश के दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी।