जांजगीर चांपा : छत्तीसगढ़ के कई जिलों में राखड़ की बर्बादी से लोगों का जन – जीवन प्रभावित होने लगा हैं। राखड़ माफिया जगह-जगह बिना अनुमति के राखड़ डंप कर रहे है जिसके कारण आम लोगों को कई तरह की परेशानियों का शिकार होना पड़ रहा है। राखड़ की जद में पूरा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। गांव में बने पुराने नदी, नाले एवं तालाब को भी राखड़ माफिया पाटने से गुरेज नहीं कर रहे हैं यही कारण है कि आज निस्तार किए जाने वाले नदी, नाले एवं तालाब के पानी दूषित हो गए हैं। दूषित पानी के कारण अब लोग बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
ताजा मामला जिले के बम्हनीनडीह ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत चोरिया का है। यहां केवट मोहल्ला के पास बने पुराने तालाब को राखड़ से पाट दिया गया। राखड़ पाटने से तालाब का पानी पूरी तरह से दूषित हो गया है। आलम यह है कि तालाब से अत्यंत दुर्गंध फैलने लगी है। इस दुर्गध का शिकार अब बस्ती वाले हो रहे है। दुर्गंध इतना है कि तालाब किनारे बने घर में बसे लोगों का जीना दुबर हो गया है। वे अपने घर से बाहर निकल भी नहीं पा रहे हैं। अति आवश्यक होने पर वे चेहरे, नाक एवं मुंह को ढककर बाहर निकल रहे है।
कुछ दिनों पहले ही गांव में हैजा और डायरिया जैसी संक्रमित बीमारी भी फैल गई थी जिसमें कई लोग इस बीमारी की चपेट में आ गए थे। हालाकि समय पर सबको उपचार मुहैया करा दी गई थी जिसके कारण किसी भी तरह की कोई बड़ी क्षति नहीं हुई। कुछ लोगों का कहना है कि राखड़ से गांव में बीमारी फैल रही है। जिस तालाब को राखड़ से पाटा गया है उस तालाब का निस्तारी के रूप में उपयोग बस्ती वाले कई सालों से करते आ रहे थे। लेकिन राखड़ पाट देने से ना सिर्फ तालाब का पानी दूषित हुआ है बल्कि आस पास लगे हैंड पंप का पानी भी दूषित हो गया है। दूषित पानी पीने के कारण अब लोगों को बीमारी होने लगी है।
एक तरफ केंद्र सरकार अमृत सरोवर मिशन योजना अंतर्गत पुराने तालाब को व्यवस्थित करने एवं लोगों को उसका लाभ दिलाने लाखों रुपए खर्च कर उपयोगी बनाने प्रयास कर रही है तो वही दूसरी तरफ ग्राम पंचायत चोरिया में बने पुराने तालाब को ही राखड़ से पाट कर दूषित कर दिया गया। तालाब पाटने को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं भी होने लगी थी। लोगों का कहना था कि आखिरकार तालाब को कैसे और किसकी अनुमति से पाटा जा रहा है। लोगों ने इसका विरोध भी किया लेकिन कुछ हासिल ना हो सका।
सूत्रों की माने तो सरपंच के इशारे में इस तालाब को पाटा गया है। हालाकि इस बात का प्रमाण तो सामने नहीं आया है। लेकिन लोगों का कहना यह भी है कि अगर सरपंच द्वारा इसके लिए किसी भी तरह की अनुमति नहीं दी गई थी तो इसका विरोध क्यों नहीं किया गया। इस संदर्भ में जब ग्राम पंचायत चोरिया सरपंच से संपर्क किया गया तो संपर्क नहीं होने के कारण उनका पक्ष नहीं मिल सका।
इस समस्या से हर कोई परेशान है।कुछ लोगों का कहना है कि जल्द ही इस मामले को लेकर कलेक्टर से मुलाकात कर दोषियों पर बड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी। इसके अलावा राखड़ कहां से और किसकी अनुमति से गिराया गया, इसकी भी छानबीन करते हुए जांच कर कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा क्या तालाब को पाटने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया था या नहीं इसकी भी जांच कराई जाएगी।