सूरत : सूरत के उप-महापौर नरेंद्र पाटिल इन दिनों एक अलग वजह से चर्चा में हैं। उनका एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वह फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी की पीठ बैठकर बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करने जाते हुए नजर आ रहे हैं। जिसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है, और लोग इस वजह से पाटिल की आलोचना कर रहे हैं। वहीं फायर ब्रिगेड अधिकारी का कहना है कि उन्होंने पाटिल को इसलिए उठाया क्योंकि काफी देर तक खड़े रहने के कारण डिप्टी मेयर के पैरों में तकलीफ हो रही थी।
सब-फायर ऑफिसर चौधरी ने बताया कि डिप्टी मेयर ने हाल ही में भारी बारिश से तबाह सूरत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था, और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की थी कि एक इमारत के बाढ़ग्रस्त बेसमेंट में फंसे एक व्यक्ति का शव निकाला जाए और उसके परिवार को सौंप दिया जाए।
चौधरी ने आगे कहा, ‘चार दिन पहले एक व्यक्ति डूब गया था, लेकिन उसका शव बेसमेंट में 35 फीट गहरे पानी में फंसा हुआ था। अग्निशमन अधिकारियों ने चार दिनों तक काम किया, लेकिन शव नहीं मिल सका।’ चौधरी ने कहा, गोताखोर और अन्य अग्निशमन अधिकारी बचाव अभियान में लगे हुए थे और हम शव को बाहर निकालने के लिए नाव और रस्सी का इस्तेमाल कर रहे थे, क्योंकि शव लोहे की रॉड में फंसा हुआ पाया गया था। चौधरी ने कहा कि डिप्टी मेयर कई घंटों तक घटनास्थल पर खड़े रहे।’
उन्होंने कहा, ‘उनके पैरों में दर्द था और इलाका कीचड़ भरा था। इसलिए उन्होंने इसे पार करने के लिए मेरे कंधे का इस्तेमाल किया। वैसे भी सूरत के अग्निशमन अधिकारी नागरिकों की मदद करने में संकोच नहीं करते। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।’ वायरल तस्वीरों में डिप्टी मेयर को सफेद शर्ट, पैंट और जूते पहने चौधरी की पीठ पर सवारी करते हुए एक छोटे से कीचड़ वाले हिस्से को पार करते हुए देखा जा सकता है।