Friday, November 22, 2024
HomeNATIONALसिर्फ बंदूक तानी नहीं, ट्रिगर भी दबाने वाली थीं पूजा खेडकर की...

सिर्फ बंदूक तानी नहीं, ट्रिगर भी दबाने वाली थीं पूजा खेडकर की मां; पुलिस का बड़ा दावा

पुणे : ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की मां मनोरमा के खिलाफ पुलिस का रवैया काफी सख्त है। पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि एफआईआर में आईपीएस सेक्शन 307 को जोड़ना पूरी तरह से सही है। पुलिस का कहना है कि मनोरमा ने शिकायतकर्ता के सिर पर बंदूक तान दी थी। जब वह ट्रिगर दबाने वाले थीं, उसी वक्त वह व्यक्ति डर के मारे नीचे बैठ गया। इससे उसकी जान बच गई। इसके बाद वहां मौजूद अन्य लोगों ने मनोरमा पर काबू पा लिया। पुलिस ने कोर्ट से जमीन विवाद मामले में मनोरमा की पांच दिन की कस्टडी मांगी है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में आरोपित मनोरमा, उसके पति दिलीप और तीन अन्य प्रभावशाली और राजनीतिक रूप से सक्रिय लोग हैं। गौरतलब है कि कोर्ट ने मनोरमा को 20 जुलाई तक पुलिस रिमांड में रखने का आदेश दिया है।

इससे पहले गुरुवार को पुणे ग्रामीण पुलिस ने मनोरमा को एक लॉज से गिरफ्तार किया। वह अपने ड्राइवर के साथ रायगढ़ जिले के महाद में छिपी हुई थी। उसे वहां से पौड पुलिस थाने ले जाया गया। बता दें कि धाड़वली के 65 साल के किसान पंधारीनाथ पसलकर ने मनोरमा, उसके पति दिलीप खेडकर और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने इसमें धारा 307 (हत्या का प्रयास) भी जोड़ दी थी। पुलिस ने मनोरमा और दिलीप की तलाश उस वक्त तेज कर दी जब इनका एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें मनोरमा कुछ लोगों को बंदूक से डरा रही है। वीडियो 2023 का है, जब मनोरमा ने पुणे की मुल्शी तहसील के धाड़वली गांव में जमीन विवाद में बंदूक निकाल ली थी।

पुलिस का आरोप है कि मनोरमा जांच में सहयोग नहीं कर रही है। वह जांचकर्ताओं को यह भी नहीं बता रही है कि दिलीप खेडकर और अन्य आरोपी कहां छिपे हुए हैं। इसके अलावा अपराध में इस्तेमाल हुई पिस्टल और चार पहिया वाहन के बारे में भी वह कोई जानकारी नहीं दे रही है। अपराधियों को प्रभावशाली और राजनीतिक रूप से सक्रिय बताते हुए पुलिस हथियार कब्जे में लेना चाहती है। साथ ही पुलिस मनोरमा की कस्टडी भी बढ़ाना चाहती है, ताकि उससे पूछताछ करके जानकारियां जुटाई जा सकें। प्रॉसीक्यूशन ने यह भी कहा कि पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश भी करना चाहती है। हालांकि डिफेंस के वकील निखिल मलानी ने प्रॉसीक्यूशन द्वारा पुलिस कस्टडी बढ़ाने की मांग का विरोध किया। उनका कहना था कि मनोरमा ने पहले ही इस मामले में शिकायतकर्ता के खिलाफ केस कर रखा है। इसके साथ ही उन्होंने धारा 370 बढ़ाए जाने का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह धारा 17 जुलाई के बाद जोड़ी गई है, जिसका कोई आधार नहीं है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments